उत्तराखंड
उत्तराखंडः यूसीसी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी, जानें कब होगा लागू…
उत्तराखंड सरकार के समान नागरिक संहिता (य़ूसीसी) विधेयक को लेकर बड़ा अपडेट आया है। बताया जा रहा है कि यूसीसी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। जहां देश में मोदी सरकार ने सीएए कानून लागू कर दिया है। वहीं उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने की कवायद चल रही है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब नियमावली तैयार कर जल्द इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने यूसीसी विधेयक राष्ट्रपति को भेजा था। राजभवन ने इस पर विचार करने के बाद विधायी विभाग को भेजा था। विधायी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया है। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेजा गया था। अब राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है। जिके बाद यूसीसी राज्य में कानून लागू हो जाएगा।
गौरतलब है कि आजादी के बाद देश का पहला समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पास हो गया था। विधानसभा सदन में विधेयक ध्वनिमत से पास हुआ था। यूसीसी लागू होने के बाद विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशनसिप आदि कई मामलों में कानूनी प्रावधान बदल जाएंगे। सरकार का दावा है कि समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। बाल और महिला अधिकारों की यह कानून सुरक्षा करेगा।
वहीं उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी प्रदान करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखण्ड के मूल स्वरुप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है। निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी और प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा मिलेगा।