Connect with us

उत्तराखंडः पूर्व मुख्य सचिव पर गंभीर आरोप में मुकदमा दर्ज, जानें मामला…

उत्तराखंड

उत्तराखंडः पूर्व मुख्य सचिव पर गंभीर आरोप में मुकदमा दर्ज, जानें मामला…

उत्तराखंड से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव पर गंभीर आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया है। ये मुकदमा कांग्रेस की हरीश रावत सरकार में मुख्य सचिव रहे राकेश शर्मा पर दर्ज कराया गया है।  उनपर ये मुकदमा हिमाचल प्रदेश (शिमला) में , भ्रष्टाचार और आपराधिक षडयंत्रण के आरोप में उस वक्त दर्ज कराया गया है जब हिमाचल की कांग्रेस सरकार राजनीतिक संकट से घिरी है और बचने के लिए हाथ-पैर मार रही है। मामले में 12 मार्च को सुनवाई होगी।

मीडिया रिपोर्टस के  अनुसार  कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) संजय अवस्थी व मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने हमीरपुर के निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और अयोग्य ठहराए गए ऊना जिले के गगरेट से कांग्रेस के विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा के विरुद्ध शिमला में एक प्राथमिकी दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि राकेश शर्मा के साथ ही हमीरपुर के निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा पर भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह कार्रवाई हिमाचल परदेश सरकार के मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) संजय अवस्थी और मनाली क्षेत्र के विधायक भुवनेश्वर गौड़ की शिकायत पर की गई है।

यह भी पढ़ें 👉  सीएम धामी ने राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में प्रदेशभर से आए चिकित्सकों को सम्मानित किया

बताया जा रहा है कि एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि हिमाचल सरकार को अस्थिर करने के लिए साजिश की गई। राज्य के बाहर से हेलीकॉप्टर आए और कई सुरक्षा कर्मियों को भी लाया गया। शिकायत के मुताबिक राजयसभा चुनाव में वोट के एवज में करोड़ों रुपये का लेनदेन किया गया। साथ ही भ्रष्टाचार को अंजाम देकर आपराधिक षड्यंत्र किया गया। इसके अलावा आरोप है कि सरकार गिराने के लिए बागियों को पांच से सात सितारा होटल में रहने की व्यवस्था की गई। बागियों को अपने मुताबिक जगह पर ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर मंगाए गए। शिकायत में पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा के बैंक खातों की जांच की मांग भी की गई है।

यह भी पढ़ें 👉  आपदा प्रभावितों को बांटी 7.85 लाख की अहेतुक सहायता राशि

वहीं बताया जा रहा है कि एफआईआर के क्रम में पुलिस दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है। दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश सरकार ने एफआईआर करवाकर अयोग्य घोषित किए गए विधायकों के मामले में अपना पक्ष मजबूत करने का काम किया है। क्योंकि, प्रकरण में बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की पीठ के समक्ष 12 मार्च को सुनवाई की जानी है। ऐसे में अयोग्य ठहराए गए विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने में झटका लग सकता है। वहीं, पूर्व मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने इसे राजनितिक हथकंडा बताया। उन्होंने कहा कि अपने सेवाकाल में ऐसी एफआईआर बहुत देखी हैं।

यह भी पढ़ें 👉  जिलाधिकारी ने यमुनोत्री हाइवे पर ओजारी और स्यानचट्टी क्षेत्रों का निरीक्षण किया

 

Continue Reading
Advertisement

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top