Connect with us

‘शिव धाम’ के रूप में विकसित किया जाएगा आदि कैलाश के प्रवेश द्वार, जानें योजना…

उत्तराखंड

‘शिव धाम’ के रूप में विकसित किया जाएगा आदि कैलाश के प्रवेश द्वार, जानें योजना…

देवभूमि के मंदिर आस्था ही नहीं बल्कि आर्थिकी का भी केंद्र हैं क्योंकि इन मंदिरों से हजारों लोगों की आर्थिकी भी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़ी हुई है। इस बीच शिव भक्तों के लिए अच्छी खबर है। सरकार आदि कैलाश के गुंजी गांव को ‘शिव धाम’ के रूप में विकसित करने जा रही है, बताया जा रहा है कि इसके तहत इस गांव में कई निर्माण किए जाएंगे। साथ ही तीर्थयात्रियों को कई तरह की सुविधाएं भी मिलेगी। जिसके लिए 75 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल गई है।

यह भी पढ़ें 👉  आईएसबीटी कारगी मोड़ पर भूमि अधिग्रहण प्रस्ताव तैयार, भेजा जा रहा शासन

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सरकार द्वारा आदि कैलाश के प्रवेश द्वार पर स्थित गुंजी गाव को शिव धाम बनाने को तैयारी हो रही है। यह आदि केलाश और ओम पर्वत के दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों का मुख्य पड़ाव होगा। यहां गैलरी, म्यूजियम और भगवान शिव की भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी। यहां स्मारक, होटल, पार्क, रेस्टोरेंट का भी निर्माण किया जाएगा। इतना ही नहीं जल्द ही आदि कैलास के पड़ाव पर तीर्थयात्रियों को अन्य सुविधाओं के साथ ही ध्यान एवं योग केंद्र भी मिलेंगे। योग केंद्र में यहां ठहरने वाले पर्यटक योन और ध्यान कर सकेंगे।यहां आने वाले यात्री धार्मिक स्थलों और एखूबसूरत हिमालय श्रृंखला के साथ ही गैलरी, म्यूजियम में तमाम महत्व की चीजें को देख सकेंगे। इसका मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में हरेला पर्व बना हरित क्रांति का उत्सव, 8 लाख 13 हज़ार से अधिक पौधे रोपे गए

गौरतलब है कि पिथौरागढ़ जिले में भारत तिब्बत सीमा के पास स्थित आदि कैलाश हूबहू कैलाश पर्वत की छवि है। ऐसी मान्यता है कि आदि कैलाश पर भी समय-समय पर भोले बाबा का निवास रहा और पास ही स्थित पार्वती सरोवर माता पार्वती का स्नान स्थल था। ओम पर्वत तीन देशों की सीमाओं से लगा हुआ है। इस स्थान के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन महाभारत, रामायण एवं पुराणों में भी मिलता है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा संचालित की जा रही 20 नई वातानुकूलित यूटीसी मिनी (टैम्पो ट्रेवलर) का फ्लैग ऑफ किया

आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा सिर्फ दो स्थानों की यात्रा नहीं है बल्कि अपने आप में अनेक धार्मिक तीर्थों को समेटे है। यह यात्रा काठगोदाम से शुरू होकर भीमताल, कैंची धाम, चितई गोलू मंदिर, जागेश्वर धाम, पार्वती मुकुट, ब्रह्मा पर्वत, शेषनाग पर्वत, शिव मंदिर, पार्वती सरोवर, गौरीकुंड, पाताल भुवनेश्वर, पांडव किला, कुंती पर्वत, पांडव पर्वत एवं वेदव्यास गुफा से होकर गुजरती है।

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top