Connect with us

रंगोत्सव: होली के बाद आज फिर मनाई जाएगी होली, दैवीय तत्वों से जुड़ा है ये त्योहार…

उत्तराखंड

रंगोत्सव: होली के बाद आज फिर मनाई जाएगी होली, दैवीय तत्वों से जुड़ा है ये त्योहार…

फाल्गुन मास की पूर्णिमा से शुरू हुआ होली का त्योहार चैत्र मास की पंचमी तिथि तक मनाया जाता है। इसी पंचमी तिथि को रंगपंचमी के नाम से जाना जाता है। इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है। इसे श्रीपंचमी और देव पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, बहुत-सी जगहों पर होली समेत पांच दिनों तक रंग खेलने की परंपरा है, यानी असल में होली का त्योहार रंग पंचमी के दिन सम्पूर्ण होता है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, यू.पी, राजस्थान आदि जगहों पर विशेष रूप से ये त्योहार मनाया जाता है। होली की तरह ही इस दिन भी खूब अबीर-गुलाल उड़ाया जाता है और एक-दूसरे के रंग लगाया जाता है।

यह भी पढ़ें 👉  जन सुनवाई में दर्ज हुई 121 शिकायत, अधिकांश का मौके पर समाधान

दैवीय तत्व से जुड़ा त्योहार

ब्रह्मांड में मौजूद गणपति, श्रीराम, हनुमान, शिव, श्रीदुर्गा, दत्त भगवान और कृष्ण की शक्तियां सात रंगों से जुड़ी हैं। इसी तरह शरीर के सात चक्र सात रंगों और सात देवताओं से जुड़े हैं। रंग पंचमी मनाने का अर्थ है, रंगों से दैवीय शक्ति जागृत करना। इस तरह सभी देवताओं के तत्व शरीर में होने से आध्यात्मिक नजरिये से साधना पूरी मानी जाती है। इन रंगों के जरीये देव तत्व को महसूस करना ही रंग पंचमी पर्व का हासिल है। इसके लिए रंगों का इस्तेमाल दो तरह से करते हैं। इनमें पहला है, हवा में रंग उड़ाना एवं दूसरा, पानी से एक-दूसरे पर रंग डालना।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं का लिया जायजा

जानिए रंग पंचमी का महत्व

रंग पंचमी के दिन अबीर और गुलाल को आसमान की ओर फेंका जाता है। ये गुलाल उस दिन देवी देवताओं को अर्पित किए जाते हैं। मान्यता है कि रंग बिरंगे गुलाल की खूबसूरती देखकर देवता काफी प्रसन्न होते हैं और इससे पूरा वातावरण सकारात्मक हो जाता है। ऐसे में आसमान में फेंका गुलाल जब वापस लोगों पर गिरता है तो इससे व्यक्ति के तामसिक और राजसिक गुणों का नाश होता है, उसके भीतर की नकारात्मकता का अंत होता है और सात्विक गुणों में वृद्धि होती है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून स्थित सहस्त्रधारा क्रॉसिंग बाजार का भ्रमण किया
Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement
Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

ADVERTISEMENT

Advertisement
To Top