Connect with us

धर्म: जानिए बुधवार की विशेषता, क्या करें जो हो मंगलकारी…

उत्तराखंड

धर्म: जानिए बुधवार की विशेषता, क्या करें जो हो मंगलकारी…

बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान के साथ पूजा करने से संकटो का नाश होता है और मनोकामना की पूर्ति होती है। लेकिन क्या आपको जानते है कि बुधवार के दिन ही मंगलपूर्ति की पूजा क्यों होती है। इसका क्या महत्व है और इससे क्या लाभ होता है। तो चलिए आज हम आपको बतातें हैं कि गणेश जी की पूजा बुधवार के दिन क्यों होती है।

यह भी पढ़ें 👉  Machten van Aardzee - Gratis leeshoek

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती की कृपा से जब श्री गणेश जी की उत्पत्ति हुई थी, तब उस समय भगवान शिव के धाम कैलाश में बुध देव उपस्थित थे। बुध देव की उपस्थिति के कारण श्रीगणेश जी की आराधना के लिए वह प्रतिनिधि वार हुए यानी बुधवार के दिन गणेश जी पूजा का विधान बन गया।

महत्व और लाभ

शास्त्रों में बुधवार को सौम्यवार भी कहा जाता है। इस दिन विघ्नहर्ता की पूजा की जाती है। आपको बता दें कि हर कार्य से पहले श्रीगणेश की पूजा करने का विधान है। ऐसे में बुधवार का दिन किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं मान्यता है कि जिन लोगों का बुध कमजोर हो, उन लोगों को बुधवार को विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए।

यह भी पढ़ें 👉  La questione del sergente Grischa : Libri

बुधवार को पूजा के लिए क्या करें

1. गणेश जी की पूजा में दुर्वा की 21 गाठें चढ़ाएं।

2. बुधवार के दिन गणेश जी को गुड़ और गाय के घी का भोग लगाएं। ऐसा करने से व्यक्ति को विशेष फल मिलता है।

यह भी पढ़ें 👉  हर्बल व जड़ी-बूटी सेक्टर में नवाचार, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग पर दिया जाए जोर- मुख्यमंत्री

3. बुधवार को गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करने से व्यक्ति का बुद्धि-विवेक बढ़ता है।

4. आज के दिन गणेश जी को बूंदी के लड्डू और लाल सिंदूर अर्पित करें।

धर्म: जानिए बुधवार की विशेषता, क्या करें जो हो मंगलकारी…

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड
Advertisement

ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

Advertisement
Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top