Connect with us

उत्तराखंड में सौहार्द की मिसाल, दो हिंदू बहनों ने करोड़ो की जमीन की ईदगाह के लिए दान…

उत्तराखंड

उत्तराखंड में सौहार्द की मिसाल, दो हिंदू बहनों ने करोड़ो की जमीन की ईदगाह के लिए दान…

देहरादूनः देश में इन दिनों धार्मिक उन्माद, सांप्रदायिक तनाव और हिंदू मुस्लिम टकराव की खबरें जहां शांति और सौहार्द्र का माहौल बिगाड़ रही हैं, वहीं उत्तराखंड की दो बहनों ने एक अनूठी मिसाल कायम की है। दिल्ली और मेरठ निवासी दो हिंदू बहनों ने अपने पिता की आखिरी इच्छा पूरी करते हुए सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है। उन्होंने अपनी 4 बीघा जमीन काशीपुर ईदगाह को दान में दे दी है। इस ज़मीन की कीमत डेढ़ करोड़ रुपये से ज़्यादा की है। वहीं क्षेत्र और सोशल मीडिया पर दोनों बहनों की मिसाल दी जा रही है। लोग अपने अपने तरीके से धन्यवाद भी कह रहे है।

यह भी पढ़ें 👉  तहसील प्रशासन ऊखीमठ द्वारा प्रभावित क्षेत्र में राहत सामग्री का वितरण

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार ईद से ठीक पहले दो हिंदू बहनों ने ईदगाह के विस्तार के लिए एक बड़ी ज़मीन दान में दे दी। बताया जा रहा है कि काशीपुर के ईदगाह मैदान के पास लाला बृजनंदन प्रसाद रस्तोगी के परिवार की कृषि भूमि है। इस जमीन पर खाता संख्या 827(1) व (2) का करीब 4 बीघा ईदगाह की बाउंड्री से सटा है। 25 जनवरी 2003 को बृजनंदन रस्तोगी ने अपने देहांत से पहले इस जमीन को ईदगाह के लिए दान करने की इच्छा जताई थी, लेकिन यह जमीन उनकी दोनों बेटियां सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी के नाम पर थी। बृजनंदन के निधन के बाद दोनों बहनों को जब अपने पिता की इच्छा के बारे में पता चला तो, उन्होंने अपने भाई राकेश रस्तोगी की मदद से कमेटी के सदर हसीन खान से संपर्क कर ईदगाह से सटी जमीन दान करने की इच्छा जताई।

यह भी पढ़ें 👉  लंबगांव उत्तरकाशी मोटरमार्ग पर डिग्री कॉलेज के सामने बस और मोटरसाइकिल की जबरदस्त टक्कर

बताया जा रहा है कि मेरठ में रहने वाली सरोज और दिल्ली में रहने वाली अनिता ने बातचीत की और बीते रविवार को ज़मीन सौंपने की कागज़ी कार्रवाई पूरी कर दी। काशीपुर की ईदगाह के लिए 4 बीघा ज़मीन दान करने वाली इन बहनों ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि अपने स्वर्गीय पिता की अंतिम इच्छा पूरी कर सकें। अनिता और सरोज ने जहां अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए ईदगाह के लिए ज़मीन सौंपी, तो मुस्लिम समुदाय ने उन्हें बदले में बड़ा सम्मान दिया। बता  दें कि दोनों बहनों ने 4 बीघा जमीन ईदगाह के विस्तारीकरण के लिए दान में देकर न केवल पुत्री होने का फर्ज निभाया है, बल्कि मुस्लिम समाज को जमीन दान में देकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल भी पेश की है। वहीं बताया जा रहा है कि मंगलवार को ईद के मौके पर दोनों बहनों के लिए दुआएं मांगी गईं। यही नहीं, कई लोगों ने अपने वॉट्सएप प्रोफाइल पर दोनों बहनों की तस्वीर लगाकर उनका शुक्रिया अदा किया।

 

यह भी पढ़ें 👉  भारत ने मारा एजबेस्टन का मैदान, इंग्लैंड को 336 रनों से हराया
Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top