Connect with us

देहरादून एसपी ट्रैफ़िक ने नाबालिगों के अभिभावकों को लिखा पत्र, की ये अपील…

उत्तराखंड

देहरादून एसपी ट्रैफ़िक ने नाबालिगों के अभिभावकों को लिखा पत्र, की ये अपील…

देहरादून एसपी ट्रैफ़िक अक्षय कोंडे, IPS द्वारा अभिभावकों को ख़त लिखा है। उन्होंने नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर चिंता जताई है और अभिभावकों से अपील की है।

उन्होंने लिखा है कि प्रिय अभिभावक , प्रायः देखने में आ रहा है कि शहर क्षेत्रान्तर्गत स्कूली छात्रों में यातायात नियमों के उल्लंघन की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है । बच्चों के प्रारंभिक जीवन में शिक्षकों और अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है , उनके द्वारा जो शिक्षा दी जाती है वह बच्चे को शारीरिक और मानसिक रूप से पुष्ट बनाती है और उनकी दूरदर्शिता को निखारती है परंतु आज के बच्चों में यातायात के नियमों के पालन करने का अभाव परिलक्षित हो रहा है ।

आज इस संदेश को प्रेषित करने का यह आशय है कि हम अपने बच्चों में मौलिकता , प्रासंगिकता , नैतिकता का विकास करके उन्हें एक सभ्य एवं कर्मशील नागरिक बनाएं । देहरादून की शैक्षणिक पृष्ठभूमि का शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान रहा है । यहां पर ब्रिटिश काल में जिन स्कूलों की स्थापना की गई है वह देश के साथ – साथ विश्व में भी विख्यात है । देहरादून के स्कूलों कॉलेजों से प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक प्रतिवर्ष देश एवं विदेश से हजारों की संख्या में शिक्षा ग्रहण की जा रही है । शिक्षा पूर्ण होने के उपरांत पूरे विश्व में यहां के बच्चों का योगदान किसी न किसी रूप में प्रकाश में आ रहा है ।

यह भी पढ़ें 👉  सोशल मीडिया पर भी मना निवेश का उत्सव एक्स पर नंबर-1 पर ट्रेंड हुआ #UttarakhandNiveshUtsav

यहां उल्लेख करना भी आवश्यक हो गया है कि देहरादून में जिस तरह युवा पीढ़ी किसी न किसी कारण सड़क दुर्घटना का शिकार होती जा रही है वह अत्यंत खेदजनक है जिसमें प्रथम दृष्टतया इनमें व्यावहारिक यातायात नियमों की जानकारी का अभाव यातायात नियमों के प्रति घोर उदासीनता , लापरवाही पूर्ण तरीके से वाहनों को संचालित करने की बढ़ती प्रवृत्ति को इंगित करता है ।

यह भी पढ़ें 👉  25 जून को मुख्यमंत्री आवास में होगा राज्य स्तरीय संवाद कार्यक्रम कार्यक्रम का आयोजन

बाल्यकाल में शिक्षकों / अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को यातायात नियमों की जानकारी से अवगत न कराना एवं इन नियमों के पालन के प्रति उन्हें निष्ठावान न बनाना भी एक महत्वपूर्ण कारण उजागर हो रहा है इसके पीछे दो तीन कारकों को समझना होगा । अभिभावकों द्वारा बच्चों की खुशी हेतु गथा ( कक्षा में प्रथम स्थान लाना , खेलकूद में अग्रिण पंक्ति आना आदि ) क्षमता के अनुरूप समझौता कर उपहार स्वरूप वाहन भेंट करना ।

आस – पड़ोस एवं रिश्तेदारों की शान – शौकत के हिसाब से तुलना करने की प्रवृत्ति से बच्चों के अभिभावकों द्वारा या तो नया वाहन दिया जाना या फिर घर पर मौजूद वाहनों की चाबी सौंपना । दूसरे को देखते हुए अभिभावकों द्वारा बच्चों के जन्मदिन पर उन्हें उपहार स्वरूप ( वाहन ) देने की बढ़ती प्रतिस्पर्धा । में अभिभावकों का ध्यान इस ओर भी आकर्षित करना चाहूंगा कि आपके द्वारा दी जा रही इस छोटी – छोटी प्रलोभन वाली गतिविधियों का दूरगामी परीणाम गम्भीर हो सकता है । उदाहरणार्थ MV Act – 1988 में यथासंशोधित धारा 199 A ( किशोर द्वारा अपराध ) में दण्ड दिये गये है 1 ) अभिभावक को 03 वर्ष तक के कारावास और 25,000 / – का जुर्माना ।

यह भी पढ़ें 👉  डीएम ने जांची अपने एकीकृत आपदा कन्ट्रोलरूम की नब्जः आला अधिकारियों को प्रोएक्टिव रोल में रहने के दिए निर्देश

वाहन 01 साल तक सीज / बंद ( 3 ) जब तक किशोर 25 वर्ष का न हो जाये तब तक डीएल प्राप्त न कर पाना उक्त सम्बन्ध में सभी अभिभावकों से अनुरोध है कि 18 साल के उम्र तक के बच्चों को वाहन न दें , अन्यथा आर्थिक दण्डात्मक कार्यवाही के साथ – साथ अभिभावकों के विरुद्ध अन्तर्गत धारा 199 A के तहत वैधानिक कार्यवाही करने के लिए पुलिस को बाध्य होना पड़ेगा । मेरे उक्त समसुझाव गहन चिंतन के रूप में सभी अभिभावकों को प्रेरित करेगी , ऐसी मेरे अपेक्षा है ।

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top