Connect with us

दिव्यांगजनों की चिकित्सा सुविधा के लिए कोरोनेशन अस्पताल में जल्द बनेगा ‘विशेष स्टेट रेफरल सेंटर

उत्तराखंड

दिव्यांगजनों की चिकित्सा सुविधा के लिए कोरोनेशन अस्पताल में जल्द बनेगा ‘विशेष स्टेट रेफरल सेंटर

देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) की प्रबंधन समिति की बैठक हुई। बैठक में जनपद के दिव्यांगजनों की समस्याओं और कल्याणकारी योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

दिव्यांगजनों की चिकित्सा सुविधा के लिए कोरोनेशन अस्पताल में ‘विशेष स्टेट रेफरल सेंटर’ बनाया जाएगा। भूमि न मिलने के कारण 10 वर्षो से यह मामला अधर में लटका था। पहली ही बैठक में डीएम ने इसका संज्ञान लेते हुए स्टेट रेफरल सेंटर के लिए त्वरित कार्यवाही करते हुए एस्टीमेट गठन और कार्यदायी संस्था चयन के निर्देश दिए।

डीएम के प्रयासों से पूर्व में 14 अनाथ बौद्धिक अक्षम दिव्यांग बालिकाओं को नया उच्च स्तरीय आशियाना भी मिल चुका है। इन बालिकाओं को बंद होने जा रही सत्य साईं आश्रम से राफेल होम संस्था में विधिवत् दाखिल कराया गया। जिलाधिकारी ने बैठक में निर्देश दिए कि चकराता ब्लाक में छूटे 208 लोगों का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए विशेष शिविर लगाए जाए।

दिव्यांग व वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क सहायता उपकरण वितरण हेतु शिविरों का व्यापक प्रचार प्रसार करें। विशेष सर्वेयर रखते हुए चकराता के बाद अब रायपुर व डोईवाला ब्लाक में भी दिव्यांगजनों का सर्वे करें। डीएम ने कहा कि हर दिव्यांग को सरकारी योजना का लाभ मिले। दिव्यांगजनों का कौशल विकास में सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए।

यह भी पढ़ें 👉  गंगा में बह रही पत्नी को बचाने के लिए पति कूदा, दोनों लापता

दिव्यांगजनों को विभिन्न चिकित्सा सुविधा के लिए ‘‘विशेष स्टेट रेफरल सेंटर’’ की स्थापना के लिए भूमि न मिलने के कारण वर्ष 2014 से मामला अधर में लटका हुआ था। जबकि भारत सरकार से उस समय 56 लाख की धनराशि भी आवंटित की गई थी, जो वर्तमान में ब्याज सहित 80 लाख हो चुकी है। जिलाधिकारी के संज्ञान में मामला आने पर उन्होंने समाज कल्याण अधिकारी को भारत सरकार की राष्ट्रीय दिव्यांगजन पुर्नवासन योजना (एनपीआरपीडी) के अंतर्गत दिव्यांगजनों को विभिन्न चिकित्सीय सुविधा के लिए कोरोनेशन अस्पताल में ‘‘विशेष स्टेट रेफरल सेंटर’’ स्थापित करने हेतु अविलंब प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

इसके लिए ब्लड बैंक भवन के ऊपर एक मंजिल का निर्माण किया जाएगा। बताते चले कि ‘‘विशेष स्टेट रेफरल सेंटर’’ में मूक व बधिर श्रेणी के दिव्यांगजनों के लिए आडियोमेट्री यूनिट, मानसिक दिव्यांगों के लिए आईक्यू टेस्टिंग यूनिट और शारीरिक रूप से अक्षम दिव्यांगों के लिए फिजियोथेरेपी यूनिट स्थापित की जाएगी। इसके अलावा स्टेट रेफरल सेंटर एक स्पेशलाइज्ड रिसोर्स सेंटर की तरह काम करेगा। जिससे दिव्यांगजनों को चिकित्सकीय, पुनर्वासन व संदर्भगत सेवाएं मिल सकेंगी।

यह भी पढ़ें 👉  क्या एशिया कप खेलेंगे जसप्रीत बुमराह ? सामने आया बड़ा अपडेट

जिलाधिकारी ने जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) को हरबर्टपुर से कोरोनेशन अस्पताल में स्थित गांधी शताब्दी भवन के दूसरे मंजिल पर शिफ्ट करने और विज्ञप्ति प्रकाशित कर एनजीओ के माध्यम से प्रभावी तरीके से इसका संचालन शुरू करने के निर्देश दिए। वही दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क सहायता उपकरण उपलब्ध कराने हेतु शिविरों और ईसी रोड स्थित समाज कल्याण कार्यालय में संचालित ‘प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र’ (पीएमडीके) का व्यापक प्रचार प्रसार करने को कहा।

जिलाधिकारी के पूर्व निर्देशों पर चकराता ब्लाक में बाल विकास विभाग के माध्यम कराए गए सर्वे पर सामने आया कि चकराता में कुल 626 दिव्यांगजन है। जिनमें से 208 लोगों का दिव्यांग प्रमाण पत्र और 19 दिव्यांगों का आधार कार्ड नहीं बना है। इस पर जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को क्षेत्र में शिविर लगाकर छूटे हुए सभी दिव्यांगजनों का प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि विकासखंड रायपुर और डोईवाला में भी दिव्यांगजनों का सर्वे कराया जाए। कहा कि जनपद के किसी भी गांव क्षेत्र का कोई भी दिव्यांग व्यक्ति प्रमाण पत्र, यूडीआईडी कार्ड और सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे।

यह भी पढ़ें 👉  भारत ने पाकिस्तान को 06 विकेट से हराया, अभिषेक शर्मा ने खेली धुआंधार पारी

जिलाधिकारी सविन बंसल एवं उनकी कोर टीम के प्रयासों से 14 अक्षम दिव्यांग बालिकाओं को नया आशियाना मिला है। इन बच्चों को सत्य साईं आश्रम से राफेल होम संस्था में शिफ्ट किया गया है। सत्य साईं आश्रम अपने निजी एवं आर्थिक कारणों से बंद हो रहा है और बच्चों को रखने में असमर्थ था।

जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्रों का त्वरित वितरण, उपकरणों की सुलभ आपूर्ति, पेंशन भुगतान और कौशल विकास से जुड़े कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

डीडीआरसी की प्रबंधन समिति की बैठक में जिला समाज कल्याण दीपांकर घिल्डियाल, एसीएमओ डॉ राजीव दीक्षित, जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ मानस, जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, डीडीआरसी नोडल अधिकारी निरूपमा रावत आदि उपस्थित थे।

Continue Reading
Advertisement

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement
Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

ADVERTISEMENT

Advertisement
To Top