Connect with us

सहकारी बैंक भर्ती निरस्त करने की उठी मांग, यूकेडी ने दी आंदोलन की चेतावनी..

उत्तराखंड

सहकारी बैंक भर्ती निरस्त करने की उठी मांग, यूकेडी ने दी आंदोलन की चेतावनी..

देहरादूनः उत्तराखंड क्रांति दल ने सहकारी बैंक भर्ती निरस्त कराने की मांग करते हुए इस घोटाले की एसआईटी जांच अथवा विजिलेंस जांच के लिए जोर दिया है। यूकेडी के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि यदि यह भर्तियां निरस्त नहीं हुई और एसआईटी जांच नहीं की गई तो फिर उत्तराखंड क्रांति दल व्यापक जन आंदोलन शुरू करेगा। सेमवाल ने कहा कि सहकारी भर्ती घोटाले की जांच सहायक निबंधक स्तर के अधिकारी कर रहे हैं जबकि भर्ती करवाने में सहकारी बैंक के निबंधक व चेयरमैन की भूमिका है। ऐसे में कोई भी जूनियर अफसर कैसे सीनियर अफसर की जांच कर सकता है !

यह भी पढ़ें 👉  Gilda Joyce in geheimer Mission : EPUB PDF

यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने यह भी आरोप लगाया कि इंटरव्यू के लिए 10 नंबर रखे गए थे जबकि इंटरव्यू कमेटी में शामिल तीन सदस्यों मे प्रत्येक ने अभ्यर्थियों को 10-10 नंबर दिए हैं। अर्थात 10 नंबर के कुल इंटरव्यू में से कईयों को 30 नंबर तक मिले हैं। जबकि भाजपा सरकार मे ही तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी वर्ग 3 और 4 की भर्तियों में इंटरव्यू व्यवस्था समाप्त कर चुके हैं। यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री सुनील ध्यानी ने बताया कि अधिकांश अभ्यर्थियों के खेलकूद तथा अनुभव प्रमाण पत्र भी फर्जी हैं।  महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सुलोचना ईस्टवाल ने कहा कि अधिकांश बैंक कर्मियों के खातों में मार्च के महीने में भारी मात्रा में रुपयों का लेनदेन हुआ है। इसके अलावा बड़ी संख्या में बैंक कर्मियों और बैंक से संबंधित नेताओं के सगे रिश्तेदार नौकरी लगे हैं। इससे साफ जाहिर है कि बड़े स्तर पर भर्ती मे घोटाला हुआ है।

यह भी पढ़ें 👉  क्लाइमेट चेंज की मार, हेल्थ पर वार, रिपोर्ट ने दिखाया फंडिंग का भार

यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि विभागीय जांच के नाम पर लीपापोती की गई और एसआईटी जांच नहीं की गई तो फिर उत्तराखंड क्रांति दल सड़कों पर उतरकर जन आंदोलन करेगा, जिसका खामियाजा भाजपा सरकार को ही भुगतना होगा। पत्रकार वार्ता में यूकेड़ी के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल के साथ महामंत्री सुनील ध्यानी और महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल मौजूद थे।

यह भी पढ़ें 👉  Art Since 1900: Modernism, Antimodernism, Postmodernism : (PDF, EPUB)
Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड
Advertisement

ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

Advertisement
Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top