Connect with us

घोटाला: इस जिले में बिना काम किये की मिल गई मनरेगा मजदूरी, अब कौन भरेगा ये घोटाले की रकम पूरी…

उत्तराखंड

घोटाला: इस जिले में बिना काम किये की मिल गई मनरेगा मजदूरी, अब कौन भरेगा ये घोटाले की रकम पूरी…

गढ़वाल: विकास खंड यमकेश्वर के गांव फलदाकोट में मनरेगा के तहत कार्यों के नाम पर हुए कथित घोटाले की जांच के लिए लोकपाल टीम निरीक्षण करने पहुंची। टीम ने मनरेगा के जॉब कार्ड धारकों से पूछताछ करते हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन किया। इस दौरान कार्यों में बिना मजूदरी करने वाले मजदूरों को भी पैसे

गढ़वाल: विकास खंड यमकेश्वर के गांव फलदाकोट में मनरेगा के तहत कार्यों के नाम पर हुए कथित घोटाले की जांच के लिए लोकपाल टीम निरीक्षण करने पहुंची। टीम ने मनरेगा के जॉब कार्ड धारकों से पूछताछ करते हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन किया। इस दौरान कार्यों में बिना मजूदरी करने वाले मजदूरों को भी पैसे मिलने का मामला सामने आया। उधर टीम ने गांव में मनरेगा के तहत कार्यों की मौके पर जांच पड़ताल करते हुए रिपोर्ट शासन को भेजने की बात कही।

यह भी पढ़ें 👉  Der verschwundene Kopf des Damasceno Monteiro | Bücher

आपको बता दें गांव फलदाकोट में मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों में घोटाले की शिकायत अनीश कंडवाल ने केंद्रीय सतर्कता आयोग से की थी। जिसके बाद जांच के लिए मनरेगा लोकपाल की टीम शनिवार को फलदाकोट गांव में पहुंची और कार्यों का भौतिक सत्यापान किया गया। ग्रामीणों ने जांच टीम को बताया कि गांव में मनरेगा के नाम पर लाखों रुपयों की बंदरबाट की गई है। इसके तहत ऐसे लोगों से मजदूरी करना दर्शाया गया, जो पिछले कई वर्षों से बीमारी के चलते चारपाई पर हैं। 2013 से यह मामले सामने आए हैं। वहीं रविन्द्र कुमार एवं दर्शलनाल के फर्जी हस्ताक्षर पाए गए। बताया जा रहा है जांच टीम को मनरेगा मस्टरोल के आधार पर अधिकांश मामलों में अनियमितता पाई गई। ग्रामीण जांच टीम को भेलड़ूंगा में खड़ंजा मार्ग एवं कंडवाल गाँव खेल मैदान पर ले गए। जांच के दौरान ग्राम प्रधानों द्वारा मनरेगा में चहेतों को नियम विरूद्घ मजदूरी का भुगतान किया गया।

यह भी पढ़ें 👉  युवा आपदा मित्र – आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन

वहीं जांच टीम ने भी मौके पर पूर्व ग्राम प्रधान के ना पहुंचने और सहयोग नहीं देने पर असंतोष व्यक्त किया। मनरेगा जांच टीम की लोकपाल अरुण कुकशाल ने बताया कि मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत में हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया। इसके बाद बयान लेकर जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी व शासन को भेजी जाएगी। यदि मामले में अनियमितता पाई जाती है तो एफआईआर और रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी। शिकायत कर्ता अनीश कंडवाल ने बताया कि PIL कोर्ट में दाखिल करने जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  L'ultima porta : EPUB PDF
Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड
Advertisement

ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

Advertisement
Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top