Connect with us

जुनून: उत्तराखंड का जज्बा, देखना है तो NCR की सड़कों पर देखिए, इस जुनून को हर कोई कर रहा सैल्यूट…

उत्तराखंड

जुनून: उत्तराखंड का जज्बा, देखना है तो NCR की सड़कों पर देखिए, इस जुनून को हर कोई कर रहा सैल्यूट…

नई दिल्ली। देश की रक्षा के लिए उत्तराखंड के सपूतों का योगदान अविस्मरणीय है। एक ऐसा ही जज्बाती वाक्या इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वाइरल हो रहा है। दरअसल,नोएडा एनसीआर में दिनभर नौकरी करने बाद उत्तराखंड का प्रदीप मेहराबइन दिनों देर रात सड़कों पर आर्मी में भर्ती होने के लिए दौड़ लगा रहा है। ठेठ पहाड़ी का दावा है कि एक बार यह वीडियो देखने पर निश्चित ही पहाड़ के प्रतिभावान युवा जरूर प्रोत्साहित होंगे।

दरअसल,रात सड़क पर दौड़ते देख प्रदीप को उत्तराखंड मूल के फिल्मकार विनोद कापड़ी ने उसे कार से घर छोड़ने का ऑफर दिया, लेकिन बार-बार अनुरोध के बावजूद लड़का मना करता रहा। कापड़ी ने जैसे यह वीडियो अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट किया। बस फिर क्या था सोशल मीडिया पर युवके के हौसले को सराहने वालों की बाढ़ आ गई।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में चारधाम यात्रा को सरल, सुगम और सुरक्षित बनाने में जुटा जिला प्रशासन देहरादून

गांव से दूर शहर में तमाम मुश्किलों के बीच भी लड़का चेहरे पर हंसी लिए सड़क पर दौड़े जा रहा है। पसीने से लथपथ कहीं चेहरे पर सिकन नहीं है।फिल्मकार विनोद कापड़ी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि रात 12 बजे उन्हें यह लड़का कंधे में बैग टांगे बहुत तेज दौड़ता नजर आया। उन्होंने लिखा, उसके दौड़ने की वजह सुनेंगे तो आपको इस लड़के से प्यार हो जाएगा। वीडियो में कापड़ी लड़के को लिफ्ट देना चाहते हैं, लेकिन लड़का मना कर देता है और कहता है कि दौड़ते हुए ही जाएगा। फिर पूछने पर बताता है कि सेक्टर 16 में McDonalds में काम करता है। कार सवार कापड़ी फिर लिफ्ट देने का ऑफर करते हैं, लेकिन लड़का कहता है कि उसे दौड़ने का टाइम ही अभी मिलता है, वह ऐसे ही जाएगा। कारण पूछने पर लड़का कहता है, आर्मी के लिए दौड़ रहा हूं।

यह भी पढ़ें 👉  अनिवार्य सेवानिवृति के लिए नियमानुसार कार्यवाही की जाए: मुख्यमंत्री

लड़के के मुंह से यह वह शब्द हैं, जो हर किसी को झकझोर रहे हैं। नाम पूछने पर दौड़ते-दौड़ते लड़का नाम प्रदीप मेहरा बताता है। बताता है कि वह अल्मोड़ा उत्तराखंड का रहने वाला है। कापड़ी कहते हैं, सुबह दौड़ लेना, अभी कार से छोड़ देता हूं। लड़का कहता है, उसे सुबह ड्यूटी पर जल्दी जाना होता है और खाना भी बनाना होता है। फिर कापड़ी कुमाउनी में पूछते हैं, ईजा-बौजू का छन (माता-पिता कहां हैं)? जवाब में लड़का कहता है, मां का इलाज चल रहा है। वास्तव में यह बातें भावुक कर जाती हैं। लेकिन प्रदीप का यह जज्बा काबिले तारीफ है।

यह भी पढ़ें 👉  डीएम रुद्रप्रयाग ने किया विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण…
Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

To Top