Connect with us

आपदा: उत्तराखंड के जंगलों में भड़कने लगी आग, एक माह में कई हेक्टियर जंगल स्वाहा…

उत्तराखंड

आपदा: उत्तराखंड के जंगलों में भड़कने लगी आग, एक माह में कई हेक्टियर जंगल स्वाहा…

देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों पर आपदा का दौर शुरू हो गया है। 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू होने के बाद जंगल की आग की घटनाएं भी घटने लगी हैं। एक माह के भीतर कुल 25 आग की घटनाओं में अब तक 27.95 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। हालांकि, गनीमत है कि अभी तक

देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों पर आपदा का दौर शुरू हो गया है। 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू होने के बाद जंगल की आग की घटनाएं भी घटने लगी हैं।

एक माह के भीतर कुल 25 आग की घटनाओं में अब तक 27.95 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। हालांकि, गनीमत है कि अभी तक किसी प्रकार की जन हानि या वन्यजीवों की मृत्यु नहीं हुई है।

-तमाम इंतजाम किए जाने का दावा

वन विभाग की ओर से जंगल की आग रोकने को तमाम इंतजाम किए जाने का दावा किया जा रहा है। साथ ही आमजन से भी सहयोग की अपील की गई है। फायर सीजन का एक माह पूर्ण होने पर मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा ने आग की घटनाओं का विवरण दिया।

यह भी पढ़ें 👉  भारतीय टीम ने AUS पीएम इलेवन को दी मात, 6 विकेट से पिंक बॉल वॉर्मअप मैच जीता…

-अब तक बागेश्वर में सर्वाधिक सात घटनाएं

बताया कि अब तक हुई कुल 25 घटनाओं में गढ़वाल में सात, कुमाऊं में 11 और वन्यजीव आरक्षित क्षेत्र की सात घटनाएं हैं। जिनमें क्रमश: 7.50 हेक्टेयर, कुमाऊं में 14.95 हेक्टेयर और वन्य जीव आरक्षित क्षेत्र में 5.50 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। जिलावार आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक बागेश्वर में सर्वाधिक सात घटनाएं हुई हैं। जबकि, ऊधमसिंह नगर, टिहरी, नैनीताल, देहरादून और चंपावत में आग की कोई घटना नहीं हुई है।

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग: उत्तराखंड में इस दिन होंगे निकाय चुनाव, अधिसूचना जारी…

-घटनाएं रोकने को विभाग तैयार

मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग के साथ मिलकर वन विभाग ने दो सिस्टम स्थापित किए हैं। जिससे जंगल की आग रोकने के लिए घटनास्थल से लेकर कंट्रोल रूम तक त्वरित कार्रवाई की जा सके।

फारेस्ट फायर रिपोर्टिंग मोबाइल एप भी तैयार किया गया है। जिससे लाइव अपडेट प्राप्त हो सके। यह मुख्यालय में कंट्रोल रूम के डैशबोर्ड पर प्रदर्शित हो सकेगा। इसके अलावा आटोमेटेड फारेस्ट फायर रिस्क एडवाइजरी एप भी बनाया गया है। वन प्रभागों से यह जानकारी ली जाएगी कि अगले 24 घंटे में सबसे संवदेनशील क्षेत्र कौन से हैं, जहां मानव संसाधन बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें 👉  द पाॅली किड्स स्कूल डी.एल.रोड के वार्षिकोत्सव के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन…

बताया कि पूरे प्रदेश में 1317 क्रू स्टेशन हैं, जिसमें इस बार 40 माडल क्रू स्टेशन के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। इनमें अब तक 14 स्टेशन तैयार हो चुके हैं। अप्रैल और मई में जंगल की आग विकराल होने की आशंका के चलते संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं और कार्मिकों को भी मुस्तैदी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ग्रामीणों को भी विभाग का सहयोग करने की अपील की गई है

Continue Reading
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ट्रेंडिंग खबरें

Advertisement
To Top

https://www.eastgardenpoughkeepsie.com/